प्रेम की एक कविता
प्यार को पहचानने के नाम अनेक, इश्क़, प्यार, मोहब्बत या प्रेम, सुकून सब ही में एक || दर्द का दरिया उतना ही गहरा , जितने आसमान में तारे अनेक || अनेको रंगो से भरा समुंदर प्रेम का, छूते ही सफेद हो रंग जिसका || लाल रंग से गहरा नाता इसका, खून की तरह नसो में चड़ता, दिल में रहना पर ख़यालो में घूमना, एक घर तो दूसरा बगीचा इसका|| खुशी जो मिली इसके संग , तब समझ आए ज़िन्दगी के काफी रंग। साथ ने उनके साथ निभाना सिखाया, तो दूरी ने उनकी इज्ज़त करना सिखाया। मोहब्बत तो तब भी हुई ना कम, इसका सबूत बस दे सकती बिताए खुशी के वो पल|| माफ़ करिएगा दिल से कहते है, इस कविता के चाहे अल्फ़ाज़ आम हो सकते, कहने का अंदाज़ नसाज़ हो सके, पर दिल से पूछिएगा प्यार से तो लबो पे बस नाम ला सकेगा वो बस एक|| मोहब्बत का जाम हो कैसा, चाहे मीठा या कड़वा, रोक ना पाओगे चखते ही एक अकेला|| इश्क़ की मिठास चलिए उन्हें मुबारक, कड़वे इश्क़ में भी इश्क़ का रंग ऐसा, जो दिल से छूटा ना सकेगा प्यार उनका|| दीपिका 😀❤️ Instagram : deepikaselflove